मुख्य ख़बर: सात सालों बाद बदला लेते हुए दो भाइयों ने मेहंदी हसन को मार गिराया
दो भाई ने एक मेहंदी हसन से बदला लेते हुए उसे मार दिया, फिर उसको बेल्ट से बाँधकर बाइक से घसीटते हुए सेक्टर 49 पुलिस चौकी की ओर ले गए ओर पुलिस कर्मियों को शव सौंप दिया और गुनाह काबुल करलिया, इसका कारण था कि सात साल पहले उसी मेहंदी हसन ने उन दो भाईयों के पिताजी पर चाकू से हमला किया था। जब लड़के पुलिस चौकी पहुंचे, तो लोग उस हत्या के लिए बहुत ही क्रुद्ध थे। इस मर्डर के कारन आम जनता का आक्रोश बढ़ा और पुलिस चौकी में हल्ला करने लगे ।
इतवार को रात में लगभग 9:45 पर , सेक्टर 49 में स्थित पुलिस चौकी में हड़कंप मच गया जब दो भाई एक मेहंदी हसन को मार गिराकर ले आए। इस घटना का कारण सात साल पहले हुआ हमला बताया जा रहा है, जब उस मेहंदी हसन ने इन दोनों भाइयों के पिताजी पर चाकू से हमला किया था।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, सात साल पहले की घटना में इन भाइयों के पिताजी पर चाकू से हमला हुआ था, जिसके चलते उनके पिताजी की जान की खतरे में थी। वहां के लोगों ने उस समय का सामाजिक आतंक के रूप में इसे देखा था और यह वारदात ने वहां की आम जनता में गहरे दुख और गुस्से का कारण बन गई थी।
इसके बाद से, इन भाइयों ने यह ठान लिया कि वे इस मेहंदी हसन से बदला लेंगे। सात सालों तक इंतजार के बाद, उन्होंने अपना बदला पूरा करने का फैसला किया और मेहंदी हसन को मार गिराया। उन्होंने बेल्ट से बाँधकर बाइक से घसीटते हुए सेक्टर 49 पुलिस चौकी की ओर ले गए ओर पुलिस कर्मियों को शव सौंप दिया और गुनाह काबुल करलिया।
जब ये भाइयां पुलिस चौकी पहुंची, तो वहां की जनता में आक्रोश बढ़ा। लोग उन्हें घेरकर कह रहे थे कि इन मर्डरर्स को रिहा किया जाए नहीं तो हम उन्हें मार डालेंगे। पुलिस अधिकारी ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए जनता को शांत करने का प्रयास किया, लेकिन आक्रोश बढ़ता रहा और फिर धीरे धीरे पुलिस फाॅर्स भी आ गयी और को वहां से भगा दिया, शव को पोस्टमॉर्टेम के लिए सरकारी अस्पताल ले जाया गया है और घटना को सेक्टर 49 थाने में पंजीकृत किया गया।
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बदले की आग में जलकर सात सालों बाद दो भाइयों ने मेहंदी हसन को मार गिराया
सेक्टर 49, जनपथ: सात साल पहले हुए एक चाकू हमले के बाद, बदले की आग में जलकर दो भाइयों ने उसी मेहंदी हसन को अपने हाथों से मार गिराया। इस घटना के पीछे छुपे बदले के किस्से ने सारे समुदाय को हिला कर रख दिया है। स्थानीय लोगों के बीच उत्तेजना भरी आंतक भावना बढ़ गई है, जिसने सुरक्षा और सुरक्षा तंत्र को चुनौती दी है।
सात साल पहले की घटना में इन भाइयों के पिताजी को चाकू से हमला हुआ था, जिसके परिणामस्वरूप उनके पिताजी की जान की खतरे में थी। उस समय लोगों ने इसे एक सामाजिक आतंक की दृष्टि से देखा था, और उस घटना ने समुदाय में गहरे दुख और गुस्से की भावना को बढ़ा दिया था।
बदले की आग में जलकर, इन भाइयों ने सात सालों तक इंतजार किया, लेकिन उनका इंतजार अब खत्म हो गया। उन्होंने अपने बदले का फैसला किया और मेहंदी हसन को अपने हाथों से मार गिराया। इस हत्या की घटना को एक पैलेट रोमांचक ड्रामा की तरह देखा जा रहा है, जिसने लोगों को आत्म-न्याय की ओर बढ़ने पर मजबूती की हौंसला दी है।
बदले का कहर: भाइयों का बदला
सात साल पहले हुए हमले के बाद से, इन भाइयों ने अपने पिताजी की इस घटना को कभी भी भूला नहीं। वह दिन उनके लिए एक घाव बन गया, जो सात सालों तक मरम्मत होता रहा, लेकिन आत्मा में एक अंधेरे से भरा रहा। उन्होंने सात सालों तक इस घाव को जलते रहने दिया, और अंत में उनका रोमांचक फैसला आता है।
सात साल की प्रतीक्षा के बाद, इन भाइयों ने एक रात को यह फैसला किया कि वे अपने परिवार के अधिकार की रक्षा करेंगे और उनके पिताजी की इज्जत की रक्षा करेंगे। उन्होंने यह ठान लिया कि वे उस मेहंदी हसन से बदला लेंगे, जिसने सात साल पहले उनके पिताजी को चाकू से घातक हमला किया था।